दरी
सीतापुर हैंडलूम कपड़ों का एक पारंपरिक उत्पादन केंद्र माना जाता है । दरियाँ एवं बाथ मैट यहाँ पर मुगल काल से बनाई जाती रही हैं । यह जनपद मुख्य रूप से सूती एवं ऊनी दरियों के लिए ख्यात है । इन उत्पादों की आकर्षक डिज़ाइन ही इनकी प्रसिद्धि का कारण है । कालीन विशेष तौर पर दो परतों में बनाया जाता है जिसकी ऊपरी परत नरम एवं बैकिंग से संबद्ध रहती है । ऊपरी सतह पर लगने वाली पाइल में घुमावदार फर लगे होते हैं जो गर्मी को अपने अंदर सोख लेते हैं ।
परिचय
सीतापुर, जैसा कि इसके नाम से ही विदित है, राजा विक्रमादित्य ने भगवान राम की पत्नी सीता के नाम पर बसाया था । यह स्थान प्राचीन,मध्य एवं आधुनिक इतिहास से संबंधित है । यह सूफियों एवं पैगंबरों की धरती है । इस पावन धरती पर ऋषि वेद व्यास द्वारा पुराणों की रचना की गई । हिन्दू मतानुसार , "पाँच धाम यात्रा" तब तक पूर्ण नहीं मानी जाती जब तक नीमसार अथवा नैमिषारण्य के दर्शन नहीं कर लिए जाते । नैमिषारण्य सीतापुर का एक प्राचीन धार्मिक स्थल है । हज़रत मखदूम साहब खैराबाद और हज़रत गुलज़ार शाह की दरगाह सामाजिक समरसता की मिसालें हैं ।
17वीं तथा 18वीं शताब्दी में यह स्थान वस्त्र उद्योग के लिए ख्यात था । ईस्ट इंडिया कंपनी ने खैराबाद और दरियाबाग में बनने वाले हैंडलूम कपड़ों का निर्यात करना प्रारंभ कर दिया । बिसवाँ क्षेत्र मिट्टी के बर्तन बनाने के लिए मशहूर था । यह जनपद दरवाज़ों पर उभरी नक्काशी के लिए भी जाना जाता था । आजकल ये जनपद औद्योगिक बिन्दु से महुत महत्वपूर्ण नहीं है । इस ज़िले में 5 चीनी मिले , चावल व आटा मिलें कार्यरत हैं ।
यह जनपद मुख्य रूप से सूती व ऊनी दरियों के लिये प्रसिद्ध है । लहरपुर और खैराबाद विशेष रूप से इसके उत्पादन एवं निर्यात के लिए प्रसिद्ध हैं । यहाँ बनने वाली सूती और ऊनी दरियाँ देश ही नहीं वरन विदेशों में भी प्रसिद्ध हैं ।
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पंजीकृत
औद्योगिक इकाइयाँ
8929
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- कालीन एवं दरियाँ
- चमड़ा उद्योग
- ज़री जरदोज़ी हस्तशिल्प उद्योग
- वस्त्र उद्योग
- उत्कीर्ण दरवाज़े (उभरी नक्काशी )
- सूती वस्त्र
- कृषि आधारित
- सोडा वाटर
- जूट एवं जूट आधारित
- रेडीमेड गारमेंट्स एवं कढ़ाई
- लकड़ी/लकड़ी आधारित फर्नीचर
- कागज एवं कागज उत्पाद
- चमड़ा उत्पाद
- रसायन/रसायन आधारित
- रबर, प्लास्टिक, एवं पेट्रो आधारित
- खनिज आधारित
- धातु आधारित (स्टील फ़ेब्रिकेशन)
- इंजीनियरिंग इकाइयाँ
- विद्युत मशीनरी एवं यातायात उपस्कर
- मरम्मत एवं सर्विसिंग
- अन्य
संबन्धित योजनाएँ एवं नीतियाँ
क्रमांक |
विभाग |
योजना |
1 |
कपड़ा मंत्रालय |
प्लेन पावरलूम हेतु इन्सिटु उन्नयन योजना |
2 |
कपड़ा मंत्रालय |
समूह वर्क शेड योजना |
3 |
कपड़ा मंत्रालय |
यार्न बैंक योजना |
4 |
कपड़ा मंत्रालय |
सी.एफ.सी. (सामान्य सुविधा केंद्र) योजना |
5 |
कपड़ा मंत्रालय |
प्रधानमंत्री हथकरघा बुनकर ऋण योजना |
6 |
कपड़ा मंत्रालय |
हथकरघों हेतु सौर ऊर्जा योजना |
7 |
कपड़ा मंत्रालय |
सुगमता, सूचना तकनीक, जागरूकता, विपणन विकास एवं प्रचार प्रसार |
8 |
कपड़ा मंत्रालय |
टैक्स-वेंचर कैपिटल फंड |
9 |
कपड़ा मंत्रालय |
ग्रांट-इन-एड तथा हथकरघा उन्नयन व आधुनिकीकरण केंद्र |
10 |
कपड़ा मंत्रालय |
संशोधित तकनीकी उन्नयन फ़ंड योजना (ए.टी.यू.एफ.एस.) |
11 |
कपड़ा मंत्रालय |
संशोधित व्यापक हथकरघा समूह विकास योजना (एम.सी.पी.डी.एस.) |
12 |
कपड़ा मंत्रालय |
हथकरघा श्रमिकों हेतु यूनिवर्सल बीमा कवरेज योजना |
13 |
कपड़ा मंत्रालय |
एकीकृत क्षमता विकास योजना (आई.एस.डी.एस.) |
14 |
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम एवं निर्यात संवर्धन विभाग |
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम योजनाएँ |
15 |
निर्यात संवर्धन ब्यूरो, उत्तर प्रदेश सरकार |
निर्यात संवर्धन योजनाएँ |
16 |
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम नीति - 2017 |
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम एवं निर्यात संवर्धन विभाग |
17 |
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम नीति - 2017 |
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम एवं निर्यात संवर्धन विभाग |
18 |
ओ.डी.ओ.पी. |
सी.एफ.सी. (सामान्य सुविधा केंद्र) योजना |
19 |
ओ.डी.ओ.पी. |
विपणन विकास सहायता योजना |
20 |
ओ.डी.ओ.पी. |
वित्तीय सहायता योजना |
21 |
ओ.डी.ओ.पी. |
क्षमता विकास एवं टूल किट वितरण योजना |
22 |
उद्यम एवं क्षमता विकास मंत्रालय |
प्रधान मंत्री कौशल विकास योजना (पी.एम.के.वाई.वाई.) |
23 |
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, वाणिज्य विभाग |
निर्यात कैसे करें (चरणबद्ध प्रकार) |
24 |
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, वाणिज्य विभाग |
विदेश व्यापार नीति |