बांसुरी
बांसुरी बनाने में मुख्य रूप से जिस कच्चे माल का इस्तेमाल किया जाता है वह पीलीभीत से आता है। बांसुरी एक प्रकार का संगीत वाद्ययंत्र है, जिसका आकार ट्यूब की तरह होता है एवं उसमे बहुत से छेद होते हैं। बांसुरी वादक इन छिद्रों को अपनी उंगलियों से तद्नुसार कवर करता है एवं मधुर संगीत निकालता है। आधुनिक बांसुरी आम तौर पर धातु से बनी होती है। गहन अध्ययन एवं प्रशिक्षण के बाद कोई व्यक्ति बांसुरी का वादन सीख पाता है। जिले में बांसुरी का उत्पादन राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रख्यात है। पीलीभीत देश में एकमात्र ऐसा जिला है जो बांसुरी के उत्पादन के लिए जाना जाता है।
परिचय
पीलीभीत का कुल क्षेत्रफल 3,504 वर्ग किमी है, पीलीभीत का अधिकांश क्षेत्र वनीय है। वर्तमान में जिले की 78478 हेक्टेयर भूमि वनीय है। शारदा नहर जिले की प्रमुख नहर मानी जाती है जबकि अन्य इसकी उप-नहर मानी जाती हैं। जिले में नहरों की कुल लंबाई 938 किमी है। यहां पर गन्ने का प्रमुख रूप से उत्पादन किया जाता है, जिस कारण मझोला, पूरनपुर, बीसलपुर एवं पीलीभीत में चार चीनी फैक्टरियां स्थापित हैं। इसके अतिरिक्त जिले में मुख्य इकाइयां एक आटा मिल, एक स्टील संयंत्र एवं एक अल्कोहल डिस्टलरी हैं। लघु स्तरीय उद्योग में चावल मिल, अभियांत्रिकी इकाइयां, ईंटा भट्टी एवं मोमबत्ती का उत्पादन किया जाता है। साथ ही यहां पर बांसुरी निर्माण को भी प्रमुख उद्योग माना जाता है।
- चीनी मिल
- रासायनिक आधारित उद्योग
- आटा मिल
- स्टील संयंत्र
- अल्कोहल डिस्टलरी
- कृषि आधारित
- रेडी-मेड गार्मेंट एवं कढ़ाई
- लकड़ी/लकड़ी आधारित फर्नीचर
- चमड़ा आधारित
- रबर, प्लास्टिक एवं पेट्रो आधारित
- अभियांत्रिकी इकाइयां
- रिपेयरिंग एवं सर्विसिंग
- ज़री पैच वर्क
संबन्धित योजनाएँ एवं नीतियाँ