जनजातीय शिल्प
श्रावस्ती जिले के शिल्प उत्पाद मुख्य रूप से हस्त निर्मित हैं जिसके निर्माण में जिले के थारू जनजाति के लोग प्रमुख रूप से सम्मिलित होते हैं एवं इसका निर्यात स्थानीय बाजार, राष्ट्रीय बाजार एवं अंतर्राष्ट्रीय बाजार में किया जाता है। यह शिल्प का एक पारंपरिक सेक्टर है एवं हस्त एवं कौशल से बने उत्पादों से संबंधित रचनात्मक एवं डिजाइन गतिविधियों पर आधारित है, जिसमे टेक्सटाईल, ठोस सामग्री, पेपर, प्लांट फाईबर आदि के कार्य सम्मिलित है। इसके अतिरिक्त यहां पर शिल्पकार परिधान, कवर, टेबलक्लॉथ आदि उत्पादों का भी निर्माण करते हैं। महिलाओं के सूट पर शिल्पकारों द्वारा किया जाने वाला कढ़ाई का काम भी काफी प्रसिद्ध है।
परिचय
श्रावस्ती जिला गोंडा एवं बहराइच जिलों से बना एक नव निर्मित जनपद है। श्रावस्ती का जिला मुख्यालय भिनगा नगर है। श्रावस्ती जिला देवीपाटन मंडल का हिस्सा है। इस जिले की सीमाएं बलरामपुर, गोंडा एवं बहराइच जनपदों से जुड़ी हुई हैं। भिनगा राज्य की राजधानी लखनऊ से लगभग 175 किमी दूर स्थित है। उत्तर पूर्वी भारत का यह जिला रापती नदी के समीप स्थित है। श्रावस्ती बौद्ध तीर्थयात्रियों एवं जैन तीर्थयात्रियों के लिए प्रमुख धार्मिक स्थल है। यहां का कुल वनीय क्षेत्र 34,238 हेक्टयर है।
फ़र्नीचर
फर्नीचर के मामले में श्रावस्ती जनपद की अच्छी ख्याति है | फर्नीचर के निर्माण में प्रयुक्त लकड़ी की आपूर्ति 97% स्थानीय होती है क्योंकि ये जनपद वन संपदा की दृष्टि से बहुत मजबूत है | यहाँ बनाए जाने वाले फर्नीचर उत्पादों में शीशम, सागौन, बबूल, साल, नीम आदि की लकड़ी का प्रयोग होता है | यहाँ निर्मित फ़र्नीचर शुभ समारोहों में प्रयुक्त होता है | इसका प्रमुख कारण यहाँ बने उत्पादों की विश्वसनीयता है | राष्ट्र में लगने वाली प्रदर्शनियों में यहाँ के फ़र्नीचर उत्पाद प्रदर्शित किए जाते हैं | अन्य प्रमुख नगरों मे यहाँ तैयार उत्पादों को विपणन हेतु भेजा जाता है | जनपद में रोजगार प्रदान करने में फ़र्नीचर उद्योग की महत्त्वपूर्ण भूमिका है |
- कृषि आधारित
- रेडी-मेड गार्मेट एवं कढ़ाई
- लकड़ी/लकड़ी आधारित फर्नीचर
- पेपर एवं पेपर उत्पाद
- रबर, प्लास्टिक एवं पेट्रो आधारित
- धातु आधारित
- अभियांत्रिकी इकाई
- रिपेयरिंग एवं सर्विसिंग
- फ़र्नीचर
संबन्धित योजनाएँ एवं नीतियाँ