शामली

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  • लौहकला

    लौहकला

    शामली में निर्मित किये जाने वाले रिम एवं एक्सल की मांग राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भी है। इस जिले के उत्पाद विभिन्न देशों जैसे श्रीलंका, भूटान, नेपाल एवं अफ्रीका के विभिन्न देशों में निर्यात किये जाते हैं। जिले में रिम एवं एक्सल की लगभग 30 इकाइयां स्थापित हैं। यह उद्योग जिले की अर्धकुशल एवं अकुशल आबादी के एक बहुत बड़े हिस्से को रोजगार के अवसर प्रदान कर रहा है। इन उत्पादों का निर्माण परंपरागत तकनीकों के माध्यम से किया जाता है। इस क्षेत्र में रिम एवं एक्सल उद्योग को आधुनिक तकनीक के माध्यम से और विकसित किया जा सकता है।

    परिचय

    मुजफ्फरनगर जिले से अलग स्थापित शामली जनपद चीनी/गुड़ के लिए राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध है। शामली की भूमि काफी उपजाऊ है जिसके चलते जिला काफी विकसित एवं समृद्ध माना जाता है। यह जनपद उत्तर प्रदेश के उत्तरी भाग में स्थित है। नवंबर से मार्च तक इस जिले की जल-वायु स्थिति पश्चिमी उत्तरी हवाओं के कारण साल के बाकी दिनों से काफी बेहतर रहती है। यहां की भूमि का लगभग 5484 हेक्टयर क्षेत्र वनीय है। इसके अतिरिक्त शामली को विभिन्न धार्मिक स्थलों एवं विकासशील औद्योगिकीकरण के लिए भी जाना जाता है।

    • तहसील

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    • विकास खंड

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    • ग्राम

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    • लघु उद्योग

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    • प्रमुख उद्योग

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    • रिम-धुरा उद्योग
    • चीनी मिल एवं डिस्टिलरी
    • पेपर मिल
    • रोलिंग मिल एवं स्टील इकाइयां
    • रासायनिक इकाइयां
    • फार्मास्यूटिकल्स इकाइयां
    • कृषि उपकरण इकाइयां
    • आटा मिल/बेसन इकाइयां/खाद्य इकाइयां
    • कास्टिंग इकाइयां
    • स्टील एवं एल्यूमीनियम बर्तन उद्योग
    • प्लास्टिक एवं रबर उद्योग
    • डिस्पोज़ल प्लास्टिक क्रॉकरी
    • पशु-चारा उद्योग
    • किचन सामग्री उद्योग
    • पैकेजिंग उद्योग
    • विद्युत उद्योग
    • खाद्य प्रसंस्करण

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