गौरा पत्थर
महोबा जिला देशभर में अपने उत्तम गौरा पत्थर हस्तकला के लिए प्रसिद्ध है। गौरा पत्थर हस्तकला में इस्तेमाल होने वाला गौरा पत्थर एक शुभ्र सफ़ेद रंग का पत्थर होता है जो ख़ासतौर पर इस क्षेत्र में पाया जाता है। गौरा पत्थर हस्तकला की कला एवं शिल्प के क्षेत्र में अपनी एक अलग ही पहचान एवं महत्व है। हस्तकला में इस्तेमाल करने से पूर्व गौरा पत्थर को पहले छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ दिया जाता है फिर उन टुकड़ो से विभिन्न सजावटी शिल्प वस्तुओं का निर्माण किया जाता है। महोबा के कारीगरों को विश्व भर में गौरा पत्थर हस्तशिल्प के बेजोड़ नमूने एवं अद्वितीय कलाकृतियों के लिए जाना जाता है।
परिचय
महोबा उत्तर प्रदेश का एक छोटा जिला है जो चित्रकूट मंडल का एक भाग है। महोबा शहर इस जिले का मुख्यालय है। महोबा बुंदेलखंड क्षेत्र में स्थित है। यह जिला खजुराहो, लौंडा, कुलपहाड़, चरखारी, कालिंजर, ओरछा व झांसी जैसे कई ऐतिहासिक स्थलों के समीप स्थित है। यह जिला 11 फरवरी 1995 को हमीरपुर जिले से विभाजित होकर एक अलग जिले के रूप में स्थापित हुआ।
धातु शिल्प
धातु से कारीगरी करने में महोबा के शिल्पकारों का वास्तव में कोई सानी नहीं है | तांबा, पीतल, जस्ता व लोहे से बनी अनेकों कलाकृतियां देश के विभिन्न भागों में पसंद की जाती हैं | इन कलाकृतियों में धार्मिक महत्त्व की मूर्तियाँ, ऐतिहासिक कथ्यों को उजागर करती मूर्तियाँ, सजावटी सामान आदि प्रसिद्ध हैं | यहाँ अष्टधातु से निर्मित भगवान शिव की मूर्ति तथा भगवान विनायक की मूर्तियाँ बहुत पसंद की जाती हैं | यह उद्योग कुटीर उद्योग की सीमा लांघ कर लघु यद्योग के श्रेणी में आ पहुंचा है | इसमें अब पारंपरिक शैली के अतिरिक्त आधुनिक प्रौद्योगिकी का प्रयोग भी हो रहा है जिसके कारण निर्मित उत्पादों की गुणवत्ता व फिनिश विश्वस्तरीय हो गई है | यह उद्योग यहाँ की जनसंख्या के एक बड़े भाग को रोजगार प्रदान करता है |
- गौरा पत्थर उद्योग
- स्टोरेज बैटरी उद्योग
- रेडी-मेड गारमेंट्स
- जूता और चमड़ा उत्पाद उद्योग
- खाद्य प्रसंस्करण उद्योग
- धातु शिल्प
- कृषि आधारित
- सोडा-वाटर
- सूती वस्त्र
- ऊनी, रेशमी व कृत्रिम धागों से निर्मित कपड़े
- रेडी-मेड गारमेंट्स / होजरी वस्त्र एवं कढ़ाई कार्य
- लकड़ी/लकड़ी आधारित फ़र्नीचर
- कागज एवं कागज के उत्पाद
- चमड़ा उत्पाद
- रसायन/रसायन आधारित
- धातु आधारित (स्टील फेब्रिकेशन)
- खनिज आधारित
- धातु उत्पाद
- इंजीनियरिंग इकाइयाँ
- विद्युत मशीनरी
- मरम्मत एवं सर्विसिंग
संबन्धित योजनाएँ एवं नीतियाँ