फर्नीचर
इस जिले में लगभग 342 वर्ग कि0मी0 क्षेत्र वन से घिरा हुआ है जो पूरे जिले के लगभग 11.59 प्रतिशत क्षेत्र के बराबर है। यह जिला वन से घिरे होने के कारण विभिन्न फर्नीचर के उत्पाद के लिए उपयुक्त हैं क्योंकि यहाँ मुख्य तौर पर साल के पेड़ मौजूद हैं जो विभिन्न प्रकार के फर्नीचर उत्पादों जैसे कि कुर्सी, दरवाज़ा, बिस्तर, सोफा, मेज़ इत्यादि के उत्पाद में इस्तेमाल होने वाली प्रमुख सामग्री है। यहाँ कुशल कारीगरों द्वारा फर्नीचर का उत्पादन बड़े पैमाने पर किया जाता है। वर्तमान काल में यहाँ फर्नीचर के उत्पाद के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी एवं प्रणालियों के इस्तेमाल पर ज़ोर दिया जा रहा है जिससे उत्पाद की गुणवत्ता में सुधार एवं उत्पाद की मात्रा में बढ़ौतरी लाई जा सके जिससे जिले के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में फर्नीचर की मांग को पूरा करने के लिए उत्पादन में वृद्धि की जा सके।
परिचय
महाराजगंज उत्तर प्रदेश का एक जिला है जो गोरखपुर मंडल का एक भाग है। इस जिले को 2 अक्टूबर 1989 को गोरखपुर जिले से विभाजित कर एक अलग जिले के रूप में स्थापित किया गया। यह जिला प्रदेश के उत्तर-पूर्वी कोने में स्थित है। इस जिले के उत्तर में नेपाल, पूर्व में कुशीनगर, दक्षिण में गोरखपुर तथा पश्चिम में सिद्धार्थनगर एवं संत कबीर नगर स्थित हैं।
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पंजीकृत
औद्योगिक इकाई
4658
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- लकड़ी के / लकड़ी आधारित फर्नीचर
- कृषि आधारित
- रेडी-मेड गारमेंट्स एवं कढ़ाई
- रसायन आधारित उत्पाद
- धातु आधारित (स्टील फ़ेब्रिकेशन)
- इंजीनियरिंग इकाइयाँ
- विद्युत मशीनरी एवं यातायात उपकरण
- मरम्मत एवं सर्विसिंग