मूँज उत्पाद
जनपद के लगभग 1.5 लाख लोग बाध एवं मूँज से बनने वाले उत्पादों में संलिप्त हैं । मूँज, बाध मुख्य रूप से बहुत से उत्पादों यथा रस्सियाँ, बुनी हुई खाट इत्यादि बनाने में काम आती है। इनसे बनी हुई खाट बहुत ही पारम्परिक अनुभव देती है । ये खाटें लाने ले जाने में सुगम, रखने योग्य व टिकाऊ होती हैं । मूँज उत्पादों को बिना किसी आधुनिक तकनीक एवं तकनीकी ज्ञान के बनाया जा सकता है | इस कार्य से जुड़ा प्रत्येक श्रमिक 2 से 3 किलोग्राम बाध प्रतिदिन तैयार कर लेता है । एक औसत के अनुसार प्रतिमाह लगभग 3 से 3.5 लाख कुंतल बाध का निर्माण किया जाता है ।
परिचय
सुल्तानपुर जनपद गोमती नदी के किनारे बसा है तथा यह फ़ैज़ाबाद प्रशासनिक मंडल का एक भाग है । यह क्षेत्र शताब्दियों तक क्रमिक उत्तर भारतीय राज्यों का भाग रहा है । इस जनपद का लिखित इतिहास ब्रिटिश काल से उपलब्ध है । यह जनपद हिन्दू व बुद्ध संस्कृति का एक केंद्र रहा है । सुल्तानपुर जनपद में दर्शनीय स्थलों में विक्टोरिया मंज़िल, क्राइस्ट चर्च व चमनलाल पार्क हैं । इस जनपद में अनेकों मंदिर व महल हैं ।
गन्ने से प्रारंभ होकर चीनी पर समाप्त होने वाली इस जनपद की मीठी अर्थव्यवस्था भी अन्य नगरों की भाँति गन्ने के इर्द गिर्द ही घूमती है । ये उत्पाद सरकार के नियंत्रण में है । जनपद में एक मात्र चीनी मिल किसान सहकारी चीनी मिल लिमिटेड है जो उत्तर प्रदेश सरकार के अधीन है । देश विदेश में चीनी की निरंतर बढ़ रही माँग को देखते हुए इस उद्योग का भविष्य बहुत ही उज्ज्वल है ।
शिल्पकारों का समूह जो स्थानीय रूप से उपलब्ध घास, जिसे मूँज कहा जाता है, से रस्सियाँ बनाने में संलिप्त है । मूँज घास उत्तर प्रदेश के विभिन्न भागों में बहुतायत से पायी जाती है । सुल्तानपुर उनमें से एक है । प्राकृतिक फाइबर का उपयोग घरेलू एवं दैनिक प्रयोग की वस्तुएं बनाने में किया जाता है । रस्सियाँ बुनना यद्यपि भारत का एक परम्परागत उपक्रम है । स्थानीय लोग घास की सहायता से रस्सी बुनने का कार्य, टोकरियाँ एवं चारपाइयाँ बुनने का काम करते हैं । हल्की गीली मूँज घास की कुंडलियाँ बना कर उन्हें एक विशिष्ट बनावट में पिरोकर बहुत से उपयोगी उत्पाद बनाए जाते हैं । सुतली की सहायता से बुनी गई व मूँज की रस्सी से कसी गई खाट से चारपाई की स्थिति यथावत बनी रहती है ।
आयरन एंड स्टील फैब्रिकेशन
सुलतानपुर में यह उद्योग न केवल नगर क्षेत्र में बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी भी भली प्रकार फैल गया है | इस उद्योग के अन्तर्गत रोलिंग शटर, मकानों व प्रतिष्ठानों के गेट, खिड़कियां-दरवाज़े व रेलिंग इत्यादि का निर्माण किया जाता है | वर्तमान में स्टील के प्रयोग के बढ़ते चलन के कारण स्टील फैब्रिकेशन उद्योग का भी काफी विस्तार हुआ है | घरों के अंदर दूसरी मंज़िल तक जाने हेतु सीढ़ियों की रेलिंग, दूकानों में सड़क से ऊपर आने हेतु सीढ़ियाँ, छत की रेलिंग तथा सजावटी कलाकृतियां आदि भी स्टील फैब्रिकेशन द्वारा तैयार की जाती हैं | व्यक्तिगत प्रतिष्ठानों से लेकर इकाइयों तक में यह उद्योग सुलतानपुर जनपद में फल फूल रहा है | छोटे दुकानदार अपनी गुमटी भी अब स्टील शीट्स से बनवाने को सुरक्षा की दृष्टि से वरीयता देने लगे हैं | इस नाते यह उद्योग और भी विकसित हो रहा है | सुलतानपुर में निर्मित आयरन उत्पाद आस पास के जिलों में भी जाते हैं | या यूं कहा जा सकता है कि निकटवर्ती जिलों के लोग यहाँ आकर अपनी पसंद का सामान बनवाना पसंद करते हैं |
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पंजीकृत
औद्योगिक इकाइयाँ
9723
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- मूँज रस्सी
- चीनी मिल
- आयरन एंड स्टील फैब्रिकेशन
- कृषि आधारित
- सूती वस्त्र
- रेडीमेड गारमेंट्स एवं कढ़ाई
- लकड़ी/लकड़ी आधारित फ़र्नीचर
- कागज एवं कागज उद्योग
- चमड़ा आधारित
- रसायन/रसायन आधारित
- धातु आधारित (स्टील फ़ेब्रिकेशन)
- इंजीनियरिंग इकाइयाँ
- विद्युत मशीनरी एवं यातायात उपस्कर
- मरम्मत एवं सर्विसिंग
- अन्य (आइस,हस्तशिल्प, कंप्यूटर आधारित उद्योग)
संबन्धित योजनाएँ एवं नीतियाँ