प्रयागराज

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    मूंज उत्पाद

    प्रयागराज का नैनी क्षेत्र मूँज कला के लिए ख्यात है । कच्चे माल की सरल उपलब्ध्ता ने इस कला को पूरे जनपद में स्थापित कर दिया है । बाज़ार मूँज के विभिन्न उत्पादों यथा डलिया, थैले, चटाइयों, सजावट के सामानों व अन्य उत्पादों से भरे पड़े हैं । पर्यावर्णीय अनुकूलता के कारण मूँज उत्पाद राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय बाज़ारों के लिए सर्वथा उपयुक्त व सक्षम है ।

    परिचय

    प्रयागराज भारत के प्राचीन नगरों में से एक है । यह तीन नदियों गंगा, यमुना व अदृश्य सरस्वती के संगम पर स्थित है । प्रयागराज का संगम तट, प्रत्येक 6 वर्ष पर आयोजित होने वाले कुंभ मेला व प्रत्येक 12 वर्ष पर आयोजित होने वाले महाकुंभ मेला का गवाह है जहाँ पूरी धरती पर सबसे अधिक श्रद्धालुओं का जमावड़ा होता है । उत्तर प्रदेश में विशेष अवसरों पर दैनिक प्रयोग के लिए टोकरियाँ (डलिया) बनाने की परंपरा रही है । इन टोकरियों को मूँज कहलाने वाली घास के बाहरी आवरण को कुंडली की आकृति में मोड़ कर बनाया जाता है ।
    नैनी ग्राम मूँज का मुख्य उत्पादक है । मूँज व कास एक प्रकार की जंगली घास है जो प्रयागराज में नदी के किनारों पर विशाल क्षेत्रों में बहुतायत से पायी जाती है । यह हस्त कला अधिकांशतः महिलाओं द्वारा ही संपादित की जाती है । मूँज घास का बाहरी आवरण है जिसे छील कर गाँठों में परिवर्तित कर लिया जाता है । यह कला विगत 60 से 70 वर्षों से चलन में है । इस घास को शीतकाल में काट लिया जाता है और इसके छिलकों को कुछ दिनों के लिए ओस में छोड़ दिया जाता है जिससे उनका रंग कुछ हल्का हो जाय । आजकल कुछ छिलकों को चटक रंगों में रंगा जाता है तथा आपस में उन्हे बांधने के लिए प्लास्टिक की पट्टियों, टिनसेल या कपड़े का सहारा लिया जाता है ।
    बीच बीच में रंगीन घास लगा कर और टोकरी बनाने की कला को और भी निखारा जाता है । मूँज से बनी टोकरियां (डलिया) दैनिक प्रयोग के लिए भी बहुत उपयुक्त होती है । प्राकृतिक वस्तुओं से बना यह उत्पाद खाद्य सामग्री रखने (विशेषकर रोटियाँ) व दीवालों पर सौंदर्यीकरण हेतु भी बहुत उपयोगी है । यह उत्पाद बहुत सामान्य, आकर्षक व पर्यावर्णीय दृष्टि से सुरक्षित भी है ।

    फूड प्रोसेससिंग

    पतीर्थराज प्रयागराज खाद्य संरक्षण उद्योग में विशेष महत्ता रखता है | इसका प्रमुख कारण यहाँ की उपजाऊ भूमि है | गंगा के विशाल मैदान में स्थित यह जनपद समतल धरातलीय आकृति वाला है और इस कारण यहाँ सभी प्रकार की फसलें प्रचुर मात्रा में होती हैं | जलोढ़ मिट्टी व प्रतिवर्ष अपरदन द्वारा मिट्टी पर खनिजों की नई परत चढ़ते रहने के कारण यहाँ की उर्वरा शक्ति बनी रहती है | इस उद्योग के अंतर्गत सब्जियाँ व अन्य खाद्यान्न शामिल किए जाते हैं | भली प्रकार से प्रसंस्कृत खाध्य पदार्थ जनपद से बाहर भी भेजे जाते हैं | जनपद का फैलाव ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक है इसलिए इस उद्योग का विस्तार भी इन्हीं क्षेत्रों में है | नगरीय क्षेत्रों में खाध्य प्रसंस्करण उद्योग सीधे तौर पर कुछ अन्य व्यवसायों से जुड़ा है तथा मुख्य सामग्री हेतु ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित छोटे छोटे उद्योगों पर।

    • तहसील

      0

    • विकास खंड

      0

    • ग्राम

      0

    • पंजीकृत औद्योगिक
      इकाइयाँ

      0

    • मुख्य उद्योग

      -

    • मूँज उद्योग
    • गैस सिलिंडर एवं कंप्रेसर
    • फूड प्रोसेससिंग
    • कृषि आधारित
    • काँच उद्योग
    • तार उद्योग
    • कृषि उद्योग
    • पर्यटन व भ्रमण उद्योग
    • खनिज आधारित उद्योग ( सिलिकॉन सैंड)
    • केन फ़र्नीचर
    • ताड़ पता उद्योग
    • कागज़ कला (पेपर मैशे)
    • टेराकोटा व बर्तन

    इलाहाबाद पूरे उत्तर प्रदेश में मूँज की डलियों, केन व बांस के फ़र्नीचर के लिए प्रसिद्ध है । नगर का परिवेश उच्च कोटि के कारीगर व कुटीर निर्माता प्रदान करके यहाँ की कला व हस्तशिल्प को पूरे देश में बढ़ावा देता है । यहाँ के कारीगर अपनी कल्पनाशीलता तथा निपुणता के द्वारा नए नए प्रतिमान स्थापित करने में सिद्धहस्त हैं । स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार ही उत्पादों का अंतिम रूप निर्धारित किया जाता है । विभिन्न शिल्प मेलों व दक्षता मेलों के ज़रिये कारीगर अपने उत्पादों को प्रदर्शित करने का अवसर भी प्राप्त करते हैं ।

    संबन्धित योजनाएँ एवं नीतियाँ

     क्रमांक   विभाग   योजना 
    1 विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) कपड़ा मंत्रालय  आंबेडकर हस्तशिल्प विकास योजना 
    2 विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) कपड़ा मंत्रालय  विशाल समूह 
    3 विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) कपड़ा मंत्रालय  विपणन समर्थन एवं सेवाएँ 
    4 विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) कपड़ा मंत्रालय  अनुसंधान एवं विकास 
    5 विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) कपड़ा मंत्रालय  राजीव गांधी शिल्पी स्वास्थ्य बीमा योजना 
    6 विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) कपड़ा मंत्रालय  आम आदमी बीमा योजना 
    7 विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) कपड़ा मंत्रालय  मुद्रा योजना के अंतर्गत हस्तशिल्पियों हेतु मार्जिन मनी स्कीम 
    8 सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम एवं निर्यात संवर्धन विभाग सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम योजनाएँ 
    9 निर्यात संवर्धन ब्यूरो, उत्तर प्रदेश सरकार   निर्यात संवर्धन योजनाएँ 
    10 सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम नीति - 2017  सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम एवं निर्यात संवर्धन विभाग
    11 बुनियादी ढांचा एवं औद्योगिक निवेश नीति - 2012  सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम एवं निर्यात संवर्धन विभाग
    12 ओ.डी.ओ.पी.  सी.एफ.सी. (सामान्य सुविधा केंद्र) योजना 
    13 ओ.डी.ओ.पी.  विपणन विकास सहायता योजना 
    14 ओ.डी.ओ.पी.  वित्तीय सहायता योजना 
    15 ओ.डी.ओ.पी.  क्षमता विकास एवं टूल किट वितरण योजना 
    16 उद्यम एवं क्षमता विकास मंत्रालय  प्रधान मंत्री कौशल विकास योजना (पी.एम.के.वाई.वाई.) 
    17 वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, वाणिज्य विभाग  निर्यात कैसे  करें (चरणबद्ध प्रकार) 
    18 वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, वाणिज्य विभाग  विदेश व्यापार नीति