भदोही जनपद उत्कृष्ट डिजाइनों के कालीनों के निर्माण और निर्यात के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है । यहाँ लगभग 63000 कारीगर इस कार्य से जुड़े हैं । भदोही जनपद में कुल लूमों की संख्या 1 लाख से अधिक है तथा 500 से अधिक निर्यात इकाइयाँ यहाँ कार्यरत हैं । हस्तनिर्मित कालीन अंतर्राष्ट्रीय बड़े बाज़ारों में बहुत लोकप्रिय हैं ।
भदोही जनपद का गठन 30 जून 1994 को उत्तर प्रदेश के 65वें जनपद के रूप में वाराणसी जनपद के कुछ भागों को काट कर हुआ था । भदोही का पूर्व नाम संत रविदास नगर था । यह जनपद कालीन "दरी" कला के लिए दूर दूर तक विख्यात है । पूरे दक्षिण एशिया में हाथ द्वारा निर्मित कालीन का यह एक मुख्य केंद्र है इसी लिए इस जनपद को "कालीन नगरी" के नाम से भी जाना जाता है । भारतीय कालीन तकनीक संस्थान (Indian Institute of Carpet Technology) पूरे एशिया में अपनी तरह का इकलौता संस्थान है । इस संस्थान की स्थापना कपड़ा मंत्रालय द्वारा 2001 में की गई थी । क्षेत्रफल की दृष्टि से भदोही उत्तर प्रदेश का सबसे छोटा जनपद है । इस जनपद में मात्र 175 हेक्टेयर क्षेत्र ही जो कि आरक्षित, संरक्षित, निजी व अवर्गीकृत रूप से वनाच्छादित है, कुल क्षेत्रफल का मात्र 1.70% है ।
तहसील
विकास खंड
ग्राम
लघु उद्योग
मुख्य उद्योग
-
ओमनीनेट द्वारा संचालित